प्रदेश में युवाओं को रोजगार के अवसर उपलब्ध करवाने और वाहनों से होने वाले प्रदूषण को कम करने के उद्देश्य से महत्वाकांक्षी राजीव गांधी स्वरोजगार योजना आगामी 2 अक्तूबर, 2023 से आरम्भ की जा रही है। इस योजना के लिए विस्तृत मानक संचालन प्रक्रिया तैयार कर ली गई है।
ऐसे में अब विभिन्न सरकारी विभाग, स्थानीय प्रशासन, स्वायत्तशासी निकाय, बोर्ड, निगम सहित अन्य सरकारी एवं अर्द्ध-सरकारी निकाय न्यूनतम चार वर्षों के लिए ई-टैक्सी अनुबंधित कर सकेंगे और इस अवधि को दो अन्य वर्षों के लिए बढ़ाया भी जा सकेगा।
मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू का कहना है कि हिमाचल प्रदेश विद्युत चालित वाहनों के लिए एक आदर्श राज्य बनकर उभरने के लिए तैयार है और प्रदेश सरकार सार्वजनिक एवं निजी क्षेत्रों के समन्वय व सहयोग से कार्बन उत्सर्जन को कम करने के दृष्टिगत विद्युत चालित वाहनों के उपयोग को प्रोत्साहित कर रही है।
विद्युत चालित वाहनों के लिए मूलभूत ढांचा सुदृढ़ करने के दृष्टिगत पहले चरण में छः हरित गलियारे विकसित किए जा रहे हैं। सरकार की इस पहल से वाहनों के लिए जिवार्श्म इंधन पर निर्भरता में भी कमी आएगी।
इस योजना के अंतर्गत ई-टैक्सी खरीदने एवं इसे किसी सरकारी संगठन के साथ सम्बद्ध करने के इच्छुक व्यक्ति परिवहन विभाग से अनुमति के लिए प्रत्यक्ष ऑनलाईन पोर्टल पर आवेदन कर सकता है। इसके लिए उसे निर्धारित प्रपत्र पर आवश्यक सूचना उपलब्ध करवानी होगी।
आवेदन प्राप्त होने के उपरान्त क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी के कार्यालय में इनकी छंटनी की जाएगी और दस्तावेजों में किसी भी तरह की कमी पाए जाने पर इन्हें आवेदक को सुधार के लिए वापस भेजा जाएगा और उसे पांच दिनों में इसे दुरूस्त करना होगा।
निर्धारित अवधि में वांछित दस्तावेज उपलब्ध न करवाने पर आवेदन रद्द समझा जाएगा। पात्र लाभार्थियों की अंतिम सूचि तैयार होने के उपरान्त राज्य परिवहन प्राधिकरण की ओर से ई-टैक्सी के विक्रय की अनुमति प्रदान की जाएगी।
संबंधित एजेंसी परिवहन विभाग को ई-टैक्सी से संबंधित आवश्यकता के बारे में ऑनलाईन अनुरोध कर सकेगी। इस योजना के अंतर्गत पात्रता एवं आवश्यकता के अनुरूप ई-टैक्सी किराए पर लेने के लिए पांच श्रेणियां निर्धारित की गई हैं। वाहन के लिए ऋण प्रक्रिया बैंकों के माध्यम से अथवा आवेदक द्वारा अपने स्तर पर भी पूरी की जा सकेगी।
मुख्यमंत्री का कहना है कि हिमाचल को 31 मार्च, 2026 तक हरित ऊर्जा राज्य बनाने का लक्ष्य सरकार का है और इसे प्राप्त करने के लिए राज्य सरकार ई-वाहनों को प्रोत्साहित करने के साथ ही अन्य कई कदम उठा रही है।
इसके तहत परिवहन विभाग में विद्युत चालित वाहन शामिल किए गए हैं और परिवहन निगम के डीजल चालित 1500 बसों के बेड़े को चरणबद्ध ढंग से ई-बसों से बदलने की योजना है।
राज्य सरकार ने अपने प्रथम बजट में ई-टैक्सी, ई-बस और ई-ट्रक की खरीद के लिए 50 प्रतिशत उपदान का भी प्रावधान किया है। सरकार के इन नवोन्मेषी कदमों का उद्देश्य राज्य के युवाओं को स्वरोजगार के लिए प्रोत्साहित करते हुए उन्हें विद्युत चालित वाहनों के संचालन में निवेश कर जीविकोपार्जन सहित राज्य के पर्यावरण को संरक्षित करने में सहायक बनाना है.