Follow Us:

सरकार के खिलाफ बोलने वाले चार जेबीटी शिक्षक और सस्‍पेंड

|

  • हिमाचल में जेबीटी टीचरों पर सस्पेंशन की कार्रवाई जारी

  • शिमला शिक्षा निदेशालय के बाहर अनिश्चितकालीन धरना शुरू

  • शिक्षा सचिव ने टीचरों पर अनुशासनात्मक कार्रवाई के निर्देश दिए


Teacher suspension action: हिमाचल प्रदेश में शिक्षा निदेशालय के पुनर्गठन के विरोध में प्रदर्शन कर रहे जेबीटी शिक्षकों पर सरकार की कार्रवाई तेज हो गई है। सोमवार को विभाग ने चार और शिक्षकों — अनिल कुमार (कांगड़ा), प्रमोद चौहान (शिमला), सुनीता शर्मा (ऊना) और हेमराज (मंडी) को सस्पेंड कर दिया। इसके बावजूद शिमला स्थित शिक्षा निदेशालय के बाहर जेबीटी टीचरों का क्रमिक धरना लगातार जारी है।

बीते 26 अप्रैल को चौड़ा मैदान, शिमला में प्राइमरी टीचर फेडरेशन के नेतृत्व में विशाल धरना हुआ था। उसी दिन शिक्षा सचिव के आदेश पर छह शिक्षक नेताओं को निलंबित किया गया था, जिनमें फेडरेशन अध्यक्ष जगदीश शर्मा और अन्य प्रमुख नेता शामिल हैं।

शिमला के नेरवा ब्लॉक में बीईओ के औचक निरीक्षण में दलवीर सिंह और रनवीर चौहान स्कूल से गैरहाजिर मिले, जिन्हें निलंबित कर दिया गया है। शिक्षा सचिव राकेश कंवर ने धरने के दौरान सरकार और अधिकारियों की आलोचना करने वाले शिक्षकों की पहचान कर उनके खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।

आदेशों के अनुसार, जो शिक्षक ऑनलाइन कार्य जैसे अटेंडेंस और मिड डे मील रिपोर्टिंग नहीं करेंगे, उन पर भी कार्रवाई की जाएगी। शिक्षा विभाग ने स्पष्ट किया है कि सरकारी आदेशों की अवहेलना करने वाले शिक्षकों का वेतन काटा जाएगा और ज़रूरत पड़ने पर उन्हें अनिवार्य सेवानिवृत्ति भी दी जा सकती है।

प्राथमिक शिक्षक संघ (पीटीएफ) ने सरकार की चेतावनी को नजरअंदाज करते हुए अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू कर दी है। प्रदेशभर से हजारों शिक्षक शिमला पहुंचे और शिक्षा सचिव को निशाने पर लिया। शिक्षा विभाग ने धरने में भाग लेने वाले शिक्षकों की पहचान के लिए वीडियोग्राफी करवाई है।

पीटीएफ अध्यक्ष जगदीश शर्मा ने स्पष्ट कहा है कि जब तक सरकार उनकी मांगें नहीं मानेगी, धरना जारी रहेगा और हर दिन छह-छह शिक्षक धरने पर बैठेंगे। फिलहाल सरकार और शिक्षकों के बीच टकराव जारी है और कोई समाधान नजर नहीं आ रहा।