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नूरपुर के दो अनोखे नन्हें तैराक, बिना हाथ-पैर हिलाए पानी पर लेट सकते हैं घटों

मनोज धीमान |

नूरपुर उपमंडल के तहत आते लोधवां पंचायत के दो बच्चे विलक्षण प्रतिभा के धनी है और उनकी यह प्रतिभा है पानीं में बिना कोई हाथ-पैर हिलाए घंटों लेटे रहना|अमूमन माना जाता है कि पानी उस समय तक शरीर को बाहर नहीं निकालता जब तक उसमें प्राण हो और प्राण जाने के बाद ही शरीर हल्का होकर पानी के ऊपर आता है। लेकिन इन बच्चों ने अनोखी कला सीखी है। जिसमें यह बिना तैरे ही अपने आप को पानी के ऊपर रख सकते हैं और वो भी मिनटों नहीं बल्कि घंटों ऐसा कर सकते हैं।

यह विधि उस समय कारगर सिद्ध होती है जब कोई इंसान किसी समुन्द्र में या गहरी नदी में फंस जाए तो कुछ समय के लिए तो तैर कर अपने को बचा सकता है लेकिन लगतार तैरना किसी के वश की बात नहीं और ऐसे में एक निश्चित समय के बाद थकने के कारण इंसान डूब सकता है|पर इस विशेष विधि से इंसान तैरने के साथ अगर थक जाए तो वो बिना हिले आराम भी कर सकता है। राजवंश और आर्यवंश नाम के इन बच्चों के इस अद्भुत कारनामें को देखकर हर कोई अचरज खाता है

इनके पिता विकास चम्बयाल जो कि इनके प्रशिक्षक भी है उनका कहना है कि यह मात्र एक श्वास लेने और छोड़ने के बीच की ही कला है जिसमें जब भी इंसान श्वास लेता है तो पेट में हवा भरने से शरीर हल्का हो जाता है जैसे किसी ट्यूब में हवा भरी जाने के बाद वो पानी में तैरती है और जब सांस छोड़ी जाती है तो शरीर फिर से भारी होने के कारण डूबना शुरू हो जाता है। उन्होंने कहा कि अपने आप को पानी के ऊपर रखने के लिए बराबर मात्रा में सांस लेना और छोड़ना होता है जिसमें हम उतनी ही सांस छोड़ते है कि पेट खाली ना रहे और बराबर मात्रा में उतनी ही सांस पुनः ले लेते हैं।