फोरलेन की चपेट में आ रहे उपमंडल नूरपुर के चार पटवार सर्कलों के सैंकड़ों लोगों ने शनिवार को कंडवाल में बैठक कर राष्ट्रीय राजमार्ग पठानकोट-मंडी पर बनने वाली फोरलेन परियोजना में गुपचुप तरीके से करवाए गए सर्वे का विरोध किया। ग्रामीणों ने कंडवाल से बौढ़ तक बनने वाली फोरलेन में बाईपास बनाने की मांग की।
बैठक में जाच्छ, छत्रोली, राजा का बाग़ और बरंडा-कंडवाल के चार पटवार सर्कलों के संघ ने कंडवाल से बौढ़ तक इस फोरलेन रूट को बाईपास में तब्दील करने की मांग का एक प्रस्ताव पारित कर मांग पत्र केंद्रीय भूतल परिवहन मंत्री नितिन गडकरी, सीएम जयराम ठाकुर और सांसद शांता कुमार को भेज कर इस विषय पर पुनर्विचार करने की गुहार लगाईं है।
संघ के प्रवक्ता विजय सिंह हीर ने कहा कि यदि उक्त मार्ग जोकि कंडवाल से बौढ़ तक लगभग 40 किलोमीटर की दूरी का पड़ता है यदि इसी रूट पर फोरलेन बनता है तो इसकी चपेट में हज़ारों परिवार विस्थापित होंगे जिनके रिहायशी मकान और कारोवारी परिसर फोरलेन में आयेंगे और व्यापरिक कस्बा जसूर भी पूरी तरह बर्बाद होगा। जिसके कारण यह लोग बेघर तो हो ही जायेंगे वहीं इनका व्यवसाय भी पूरी तरह खत्म हो जाएगा।
लोगों ने प्रदेश सरकार को सुझाव देते हुए की ये मांग
बैठक में लोगों ने प्रदेश सरकार सुझाव देते हुए मांग की कि ब्रिटिश शासनकाल के दौरान कंडवाल से बौढ़ तक लगती जब्बर खड्ड के किनारे सडक होती थी जो अब भी राजस्व रिकार्ड में है यदि उस जगह पर यह बाईपास बनाकर फोरलेन बनती है तो इसमें 75 फीसदी भूमि सरकारी आएगी और 25 जगह मल्कीयती होगी। जब्बर खड्ड के साथ लगती अधिकतर भूमि सरकारी होने के कारण उसका मुआवजा भी कम बनेगा। जिससे सरकार के करोड़ों रूपये का बचाव होगा।