बलात्कार के आरोपी आसाराम बापू के बेटे नारायण साईं को रेप केस में सूरत की सेशंस कोर्ट ने शुक्रवार को दोषी करार दिया है। नारायण साईं की सजा का ऐलान 30 अप्रैल को होगा। सूरत की रहने वाली दो बहनों की ओर से लगाए गए बलात्कार के आरोप में कोर्ट ने नारायण साईं को दोषी करार दिया है। पुलिस ने पीड़ित बहनों के बयान और लोकेशन से मिले सबूतों के आधार पर नारायम साईं और आसाराम के खिलाफ केस दर्ज किया था। नारायण साईं और आसाराम के खिलाफ रेप का केस करीब 11 साल पुराना है।
पीड़िता छोटी बहन ने अपने बयान में नारायण साईं के खिलाफ ठोस सबूत देते हुए हर लोकेशन की पहचान की है। जबकि बड़ी बहन ने आसाराम के खिलाफ मामला दर्ज करवाया था। आसाराम के खिलाफ गांधीनगर के कोर्ट में मामला चल रहा है। नारायण साईं के खिलाफ कोर्ट अब तक 53 गवाहों के बयान दर्ज कर चुकी है, जिसमें कई अहम गवाह भी हैं, जिन्होंने नारायण साईं को लड़कियों को अपने हवस का शिकार बनाते हुए देखा था या फिर इस कृत्य में आरोपियों की मदद की थी, लेकिन बाद में वो गवाह बन गए।
नारायण साईं पर जैसे ही रेप के मामले में एफआईआर दर्ज हुई, वैसे ही वह अंडरग्राउंड हो गया था। वह पुलिस से बचकर लगातार अपनी लोकेशन बदल रहा था। तत्कालीन सूरत पुलिस कमिश्नर राकेश अस्थाना ने नारायण साईं को गिरफ्तार करने के लिए 58 अलग-अलग टीमें बनाई और तलाशी शुरू कर दी थी।
एफआईआर दर्ज होने के करीब दो महीने बाद दिसंबर, 2013 में नारायण साईं हरियाणा-दिल्ली सीमा के पास से गिरफ्तार कर लिया गया। गिरफ्तारी के वक्त नारायण साईं ने सिख व्यक्ति का भेष धर रखा था। खुद को कृष्ण का रूप बाताने वाले नारायण साईं की गिरफ्तारी के बाद उसके कृष्ण की तरह महिलाओं के बीच बांसुरी बजाने के कई वीडियो भी सामने आए थे।
नारायण साईं पर जेल में रहते हुए पुलिस कर्मचारी को 13 करोड़ रुपये की रिश्वत देने का भी आरोप लगा था, लेकिन इस मामले में नारायण साईं को जमानत तो मिल चुकी है लेकिन रेप के मामले में कोर्ट ने नारायण को दोषी करार दिया है।