11 अगस्त को साल का आखिरी सूर्य ग्रहण लगने वाला है। यह साल का तीसरा सूर्य ग्रहण होगा। इस बार सूर्य आंशिक रूप से ढका हुआ दिखाई देगा। इस ग्रहण को खण्डग्रास ग्रहण कहते हैं। भारत में इस आंशिक सूर्य ग्रहण का सूतक काल 12 घंटे पहले रात के 1:30 बजे के बाद से शुरू होगा। यह सूर्य ग्रहण भारत में नहीं दिखाई देगा। इसे कनाडा के उत्तरी भाग, ग्रीनलैण्ड, आइसलैण्ड, ब्रिटिश द्विप समूह, उत्तर पूर्वी यूरोप, नार्वे, स्कैण्डेनेविया के अधिकांश भाग, कजाकिस्तान के अधिकांश भाग, कीर्गीस्तान, मंगोलिया, चीन के अधिकांश भाग और रूस में देखा जा सकता है।
यह सूर्य ग्रहण बहुत ही महत्वपूर्ण है। यह ग्रहण तभी लगता है जब सूरज व पृथ्वी के बीच में चन्द्रमा आ जाता है तो चन्द्रमा के पीछे सूर्य की परछाईं कुछ समय के लिए ढक जाती है। यह सूर्य ग्रहण दोपहर 1 बजकर 32 मिनट से शुरू होगा और शाम 5 बजे खत्म होगा। माना जाता है कि इस ग्रहण में मुर्गे के दर्शन करने चाहिए और किन्नरों को वस्त्र दान करने चाहिए। ऐसे समय में मुर्गे के दर्शन करने और किन्नरों को वस्त्र दान करने से खोया हुआ साम्राज्य फिर से पाया जा सकता है।
न करें ये काम
- सूतक के समय घर में पानी के बर्तनों में, दूध में और दही में कुश या तुलसी की पत्ती या द्रूब धोकर डालनी चाहिए। अगर आपने अभी तक ये कार्य नहीं किया है, तो खई समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
- हरियाली अमावस्या के दिन पुरखों के निमित दान-पुण्य और तर्पण आदि कार्य किये जाने का विधान है। इससे पितरों को शांति मिलती है और पितृ दोष से मुक्ति मिलती है।
- इसके अलावा एक और महत्वपूर्ण बात आपको बता दूं कि हरियाली अमावस्या का यह पर्व पर्यावरण संरक्षण के रूप में भी मनाया जाता है। इस दिन हर व्यक्ति को कोई न कोई पेड़ अवश्य लगाएगा।