हिन्दी सीने जगत के राजश्री प्रोडक्शन्स से जुड़े जाने-माने प्रोड्यूसर राज कुमार बड़जात्या का निधन हो गया है। राजश्री प्रोडक्शन ने उनकी मौत की पुष्टि की है और कहा है कि "दुख के साथ हम सूचित करते हैं कि राज कुमार बड़जात्या नहीं रहे। राज कुमार बड़जात्या राजश्री पिक्चर्स के संस्थापक ताराचंद बड़जात्या के बेटे हैं। उन्होंने अधिकतर फिल्मों बतौर प्रोड्यूसर ही काम किया है। फ़िल्म व्यवसाय पर नज़र रखने वाले कोमल नहाटा ने ट्वीट किया है, "रिलायंस हरकिशन दास अस्पताल में राज कुमार बड़जात्या की मौत हो गई है।
हम आपको बता दें कि राजश्री की फ़िल्मों में अधिकतर गीत स्वर कोकिला लता मंगेशकर के सुनने को मिलते हैं। अपनी किताब 'लता: सुर गाथा' में यतींद्र मिश्रा इसका कारण बताते हैं।
वह लिखते हैं, राज कुमार बड़जत्या को लगता था कि अगर लता मंगेशकर उनके प्रोडक्शन की नई फ़िल्म में गाना गाने के लिए तैयार हो जाती हैं तो उनके फ़िल्म की सफलता सुनिश्चित होती थी। बड़जात्या का ऐसा सोचना सही साबित हुआ और लता की आवाज़ ने "उनकी फ़िल्मों की व्यवसायिक सफलता को सुनिश्चित कर दिया था।"
ये राजकुमार बड़जात्या ही थे जिन्होंने टेलीविज़न को एक मौक़े के रूप में देखा और इसके लिए ख़ास तरीके से ट्रेलर बनाना शुरु किया। 1964 में जन्मे राज कुमार बड़जात्या ने बॉलीवुड को कई बेहतर फ़िल्में दी जिन्हें आज के समय में भी दशर्क बड़े आंनद के साथ देखते है। उन्होंने कई साल बतौर एसोसिएट प्रोड्यूसर काम शुरु करने के बाद 'हम आपके हैं कौन' फ़िल्म से बतौर प्रोड्यूसर काम शुरु किया।
उन्होंने 'हम आपके हैं कौन', 'हम साथ-साथ हैं', 'एक विवाह ऐसा भी' और 'प्रेम रतन धन पायो' जैसी पारिवारिक और रोमांटिक फ़िल्में बनाईं। उनकी आख़िरी फ़िल्म है 'हम चार' जो इसी साल फरवरी में आई थी। फिल्म जगत में राजश्री प्रोडक्शन्स 'मैंने प्यार किया','दोस्ती' और 'नदिया के पार', 'अखियों के झरोखों से' और 'चित्तचोर' जैसी फ़िल्में बनाने के लिए जानी जाती है।