अर्थशास्त्र के जानकार कह रहे हैं कि यह तो होना ही था। नवंबर, 2016 में नोटबंदी लागू होने के बाद बंद किए गए 500 और 1,000 के 99.3 फीसदी नोट बैंकों के पास वापस आ गए हैं। आरबीआई ने औपचारिक रूप से अपने वार्षिक रिपोर्ट में इस बात की घोषणा की है। नोटबंदी को लेकर पहले ही आलोचनाओं के घेरे में रही केंद्र की मोदी सरकार अब बुरी तरह घिर चुकी है। विपक्षी दलों ने एक साथ हल्ला बोल दिया है।
नोटबंदी के समय 500 और 1,000 रुपये के 15.41 लाख करोड़ रुपये के नोट चलन में थे। रिजर्व बैंक की रिपोर्ट में कहा गया है कि इनमें से 15.31 लाख करोड़ रुपये के नोट बैंकों के पास वापस आ चुके हैं।
उल्लेखनीय है कि सरकार ने आठ नवंबर 2016 को 500 और 1,000 रुपये के पुराने नोटों को चलन से बाहर कर दिया था। इसकी जगह पर 500 और 2,000 रुपये के नए नोट जारी किए गए थे।
आरबीआई ने जैसी ही इस आंकड़े को जारी किया विपक्ष ने मोदी सरकार को कटघरे में खड़ा कर दिया। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने इस मामले में सरकार की निष्फलता को जाहिर किया है। उन्होंने कहा कि नोटबंदी के दौरान आम भारतीय नागरिक को काफी कष्ट उठाने पड़े और अर्थव्यवस्था को भी गहरा धक्का लगा। उन्होंने मोदी सरकार से इसके लिए देश की जनता से माफी मांगने को कहा है।