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देश में क्यों बढ़ी नकली नोटों की संख्या? क्या नोटबंदी से नकली नोटों पर नहीं कसी नकेल?

सरकार के नकली नोटों पर नकेल कसने के दावों पर सवाल खड़े हो रहे हैं. क्यों कि भारत में नकली नोटों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. नकली नोटों की सख्या बढ़ना सरकार के लिए अब एक बड़ी चुनौती हो गई है.

डेस्क |

सरकार के नकली नोटों पर नकेल कसने के दावों पर सवाल खड़े हो रहे हैं. क्यों कि भारत में नकली नोटों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. नकली नोटों की सख्या बढ़ना सरकार के लिए अब एक बड़ी चुनौती हो गई है. दैनिक भास्कर में छपी खबर में कहा गया है कि आरबीआई के मुताबिक वित्त वर्ष 2021-22 में नकली नोटों की संख्या काफी बढ़ गई है. बताया जा रहा है कि 500 रुपए के नकली नोट एक साल में दोगुने हुए हैं. अगर पिछले साल की तुलना की जाए तो केंद्रीय बैंक ने 500 रुपए के 101.9% ज्यादा नोट और 2 हजार रुपए के 54.16% ज्यादा नोटों का पता लगाया है.

रिपोर्ट के मुताबिक आरबीआई ने कहा कि 31 मार्च 2022 तक बैंक में जमा हुए 500 और 2000 रुपए के नोट में 87.1% नकली नोट थे. 31 मार्च 2021 तक यह आंकड़ा 85.7% था. बैंक ने बताया कि यह 31 मार्च 2022 तक चलन में मौजूद नोटों का कुल 21.3% था.

आपको बता दें कि सरकार का दावा था कि नोटबंदी से नकली नोटों पर नकेल कसी गई है. लेकिन अगर नोटबंदी ने नकली नोटों पर नकेल कसी थी तो फिर देश में नकली नोटों की संख्या आखिर कैसे बढ़ गई?