डेस्क। देश में इन दिनों प्याज़ की पैदावार काफी उच्च स्तर पर है। ऐसे में प्याज़ के प्रमुख उत्पादक राज्य महाराष्ट्र में किसानों का प्याज मात्र 50 से 75 पैसे प्रति किलो के हिसाब से मंडियों में बिक रहा है। आलम ये है कि यही प्याज राज्य और बाकी राज्य के बाजारों में 20 से 30 रुपये किलो के हिसाब से आसानी से बिक रहा है। कई ऊपरी राज्यों में प्याज़ के भाव 40 रुपये तक भी हैं। लेकिन बात किसानों की हो तो उन्हें सिर्फ प्याज के 50 से 75 पैसे प्रति किलो ही मिल रहे हैं। ये हालात महाराष्ट्र की मंडियों के हैं जो किसानों की परेशानी बढ़ा रहा है।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, राज्य की सबसे बड़ी मंडी नासिक में प्याज की कीमत 50 रुपये प्रति किलों के हिसाब हो रही है। इस पर किसानों ने कहा कि राज्य में प्याज़ की कीमतें लगातार घट रही है। प्याज को मुफ्त बांटने या फेंकने पर मजबूर हो चुके हैं क्योंकि इस भाव से तो किराया भाड़ा भी नहीं निकल रहा है। महाराष्ट्र राज्य प्याज़ उत्पादक संगठन रास्ता रोको आंदोलन कर रहे हैं, लेकिन किसानों को कोई राहत मिलती नज़र नहीं आ रही है। बड़ी बात ये है कि इन कीमतों का असर सिर्फ और सिर्फ किसानों पर ही पड़ रहा है।
देश में प्याज़ के दामों की बात की जाए तो ये प्याज़ के दामों का सबसे निचला स्तर मालूम पड़ता है। अगर बात किसानों की लागत की हो तो जो दाम उन्हें मिल रहे हैं वे प्रति किलो के हिसाब से काफी कम है। क्योंकि ये प्याज बाजारों में 30 रुपये किलो तक आसानी से बिक रहा है। यानी साफ तौर पर कहें तो यहां सारा मुनाफा मंडियों वाले या बीच के ठेकेदार उठा रहे हैं। किसानों को अपनी फसल को औने पौने दामों पर बेचकर गुजारा करना पड़ रहा है। अगर सरकारी सिस्टम ठीक होता तो आज किसानों को अपने प्याज़ की फसल इतने कम दाम पर न बेचनी पड़ती।
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