ताकतवर कम्यूनिकेशन सैटलाइट GSAT-6A की गुरुवार को हुई सफल लॉन्चिंग के बाद अब एक बुरी खबर है। शनिवार को भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) का इस संचार उपग्रह से संपर्क टूट गया। इसे वैज्ञानिकों के साथ-साथ सशस्त्र सेनाओं के लिए भी बड़ा झटका माना जा रहा है। भारतीय सेना के लिए संचार सेवाओं को मजबूत बनाने वाले 270 करोड़ रुपये की लागत से बने महत्वाकांक्षी GSAT-6A का गुरुवार शाम श्रीहरिकोटा से प्रक्षेपण हुआ था लेकिन 48 घंटे से कम वक्त में ही इस मिशन को झटका लगा है।
ISRO की तरफ से बयान में कहा गया है कि सफलतापूर्वक काफी देर तक फायरिंग के बाद जब सैटलाइट तीसरे और अंतिम चरण के तहत 1 अप्रैल 2018 को सामान्य ऑपरेटिंग की प्रक्रिया में था, इससे हमारा संपर्क टूट गया। सैटलाइट GSAT-6A से दोबारा लिंक के लिए लगातार कोशिश की जा रही है।
वहीं सूत्रों के मुताबिक पावर सिस्टम फेल होने की वजह से संपर्क टूटा है। GSLV-F08 लॉन्चपैड के जरिए 2140 किलोग्राम वजनी GSAT-6A को प्रक्षेपित किया गया था। पहला ऑर्बिट ऑपरेशन शुक्रवार सुबह 9.22 पर सफलतापूर्वक संपन्न हो गया था। ऑर्बिट के झुकाव के अलावा उपग्रहों के पृथ्वी के निकटतम और सबसे दूर के बिंदुओं को बदलने की प्रक्रिया भी पूरी हो गई थी।
दूसरा ऑर्बिट ऑपरेशन शनिवार सुबह 10.51 पर होना था। एक सूत्र के मुताबिक यह ऑपरेशन भी एलएएम इंजन में फायरिंग के साथ कामयाब रहा। दूसरे ऑर्बिट ऑपरेशन के बाद इसरो को तकरीबन चार मिनट तक सैटलाइट से डेटा हासिल हुए लेकिन इसके बाद डेटा मिलना बंद हो गया। शुरुआती छानबीन में पावर सिस्टम फेल होने को इसकी वजह माना जा रहा है।
ISRO चेयरमैन की मैराथन बैठक
सैटलाइट की कार्यकुशलता को लेकर गुरुवार को सुबह 9.22 बजे इसी तरह की पहली एक्सर्साइज के बाद आधिकारिक बयान में जिक्र था लेकिन इस बार ऐसा कुछ नहीं हुआ। इसके साथ ही तीसरे ऑर्बिट की एक्सर्साइज के बारे में भी कुछ नहीं बताया गया। इन सबके बीच शनिवार को इसरो के चेयरमैन के शिवन ने वैज्ञानिकों के साथ मैराथन बैठक की थी।