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मिशन मून से बस एक कदम दूर इसरो, ऑर्बिटर से आज अलग होगा लैंडर ‘विक्रम’

समाचार फर्स्ट डेस्क |

आज इसरो मिशन मून के लिए एक कदम और आगे बढ़ने वाला है। भारत के चंद्रयान-2 मिशन का आज एक बेहद ही महत्वपूर्ण दिन है। आज चांद के सफर पर गए चंद्रयान से लैंडर विक्रम और रोवर प्रज्ञान अलग होंगे। बता दें कि चंद्रयान-2 के तीन हिस्से हैं – ऑर्बिटर, लैंडर "विक्रम" और रोवर "प्रज्ञान"।

आज दोपहर 12:45 से 1:45 बजे के बीच बेहद ही महत्वपूर्ण प्रक्रिया के तहत लैंडर और रोवर को ऑर्बिटर से अलग किया जाना है। इसके बाद ऑर्बिटर करीब सालभर चांद की परिक्रमा करते हुए विभिन्न प्रयोगों को अंजाम देगा। वहीं, लैंडर-रोवर धीरे-धीरे चांद की ओर बढ़ते हुए 7 सितंबर को वहां के दक्षिणी ध्रुव पर उतरेंगे। ऐसा होते ही भारत यह उपलब्धि हासिल करने वाला चौथा देश बन जाएगा। इससे पहले अमेरिका, रूस और चीन ने अपने यान चांद पर उतारे हैं। लैंडर-रोवर कुल 14 दिन तक चांद की सतह पर प्रयोग करेंगे। यह अवधि चांद के एक दिन के बराबर है।

इससे पहले चंद्रयान-2 ने रविवार को एक और पड़ाव पार कर लिया। इसरो के वैज्ञानिकों ने शाम 6 बजकर 21 मिनट पर सफलतापूर्वक यान की कक्षा में बदलाव किया। चांद की कक्षा में पहुंचने के बाद से यान के पथ में यह पांचवां और अंतिम बदलाव था। कक्षा बदलने के बाद आज यान के ऑर्बिटर से लैंडर और रोवर को अलग करने की प्रक्रिया को पूरा किया जाएगा। 6-7 सितंबर की दरम्यानी रात 1:30 से 2:30 बजे के बीच लैंडर-रोवर चांद की सतह पर सॉफ्ट लैंडिग करेगा।