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शहीद की आख़िरी कविता, पढ़कर जानेंगे- ‘इंडियन आर्मी’ क्यों है महान

समाचार फर्स्ट डेस्क |

रविवार को पाकिस्तान की गोलीबारी में बॉर्डर पर कैप्टन कपिल कुंडू समेत 4 जवान शहीद हो गए। जवानों की शहादत पर पूरे देश की आंखें नम हैं और उन्हें सलाम किया जा रहा है। शहीद जांबाजों में कैप्टन कपिल कुंडू 10 फरवरी को अपना 23वां जन्मदिन मनाने वाले , लेकिन  उससे पहले ही वे गोलीबारी में शहीद हो गए। कैप्टन कविता और शेरो-शायरी के भी शौकीन थे। उनके द्वारा लिखी उनकी आखिरी कविता सामने आई है, कविता पढ़ने के बाद पता चलता है कि शहीद कैप्टन कुंडू के दिल में देश के प्रति कितना बड़ा जज्बा था। 

नीचे पढ़ें शहीद कैप्टन की कविता,

शिर्षक: पागल दीवाना 

अपने लहू से सिंचा है उन परवानों ने,

यूंही नहीं ये वादियां जन्नत कहलाती हैं

आज भी खड़ी है रुह-ए-आशिक़ इन सरहदों पे,

आज़माना है किसी को अपना ज़ोर तो आए

पूछा खुदा ने काफी कत्ल किए हैं उस जहां ने,

बोला, आशिक-ए-वतन हूं गुनाहों की हर सज़ा मंजूर है

करके नम अपने चशम, बोले निज़ाम ए आलम,

ऐसे दलेर आशिक से पहली दफा पाला पड़ा है

बोला, खुदा कतार बहुत लंबी है अभी आने वालों की,

कमी नहीं है मेरे मुल्क में उसपर मर मिटने वालों की