उच्चतम न्यायालय अयोध्या में राजनीतिक रूप से संवेदनशील राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद भूमि विवाद में मध्यस्थता के विकास पर आज एक रिपोर्ट का अध्ययन कर रहा है। सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि आयोध्या मामले में 2 अगस्त तक खुली सुनवाई होगी उसके बाद ही अंतिम निर्णय लिया जाएगा। मध्यस्थता कमेटी ने सुप्रीम कोर्ट को रिपोर्ट सौंप दी है।
बता दें कि प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने 11 जुलाई को इस मुद्दे पर रिपोर्ट मांगी थी और कहा था कि अगर अदालत मध्यस्थता कार्यवाही पूरी करने का फैसला करती है तो 25 जुलाई से रोजाना आधार पर सुनवाई शुरू हो सकती है। पीठ ने तीन सदस्यीय मध्यस्थता समिति के अध्यक्ष और शीर्ष अदालत के सेवानिवृत्त पूर्व न्यायाधीश FMI कलीफुल्ला से अब तक हुए विकास और मौजूदा स्थिति के बारे में 18 जुलाई तक उसे अवगत कराने को कहा था।
पीठ में न्यायमूर्ति एसएस बोबडे, न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति अशोक भूषण और न्यायमूर्ति एसए नजीर भी शामिल हैं। पीठ ने मूल वादियों में शामिल गोपाल सिंह विशारद के एक कानूनी उत्तराधिकारी द्वारा दाखिल आवेदन पर सुनवाई करते हुए आदेश जारी किया। आवेदन में विवाद पर न्यायिक फैसले की और मध्यस्थता प्रक्रिया समाप्त करने की मांग की गयी थी। आरोप लगाया गया था कि इस मामले में ज्यादा कुछ नहीं हो रहा। पीठ ने कहा था कि अदालत मध्यस्थता समिति द्वारा दाखिल रिपोर्ट का अध्ययन करने के बाद 18 जुलाई को उचित आदेश जारी करेगी।