<p>साल 2012 में दिल्ली में हुए निर्भया गैंगरेप केस में सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया है। इस केस के चार आरोपियों में से तीन की याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज करते हुए उनकी फांसी की सजा बरकार रखी है। फैसले से पहले निर्भया का परिवार अपने वकील के साथ कोर्ट में पहुंचा था। निर्भया के माता-पिता ने कड़ी से कड़ी सजा देने की अपील की थी।</p>
<p>सोमवार को निर्भया का परिवार भी कोर्ट में मौजूद था। सुप्रीम कोर्ट ने साफ कहा कि रिव्यू के लिए कोई ग्राउंड नहीं है। जो पॉइंट्स उठाए गए हैं उसमें कोई नया ग्राउंड नहीं दिखता है। आखिरकार कोर्ट ने पिटिशन को खारिज कर दिया। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने 5 मई 2017 को निर्भया केस में चारों दोषी मुकेश, अक्षय, विनय और पवन को दिल्ली हाई कोर्ट द्वारा दी गई फांसी की सजा को बरकरार रखा था।</p>
<p>सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि ये मामला रेयरेस्ट ऑफ रेयर की श्रेणी में आता है। अदालत ने कहा था कि पीड़िता ने अंतिम समय में जो बयान दिया, वह बेहद अहम और पुख्ता साक्ष्य हैं। इस मामले ने देशभर के लोगों को झकझोर दिया था।</p>
<p><span style=”color:#c0392b”><strong>CJI मिश्रा की बेंच ने सुनाया था फैसला</strong></span></p>
<p>चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की अगुआई वाली बेंच ने चारों दोषियों को फांसी की सजा सुनाई थी जिसके बाद इन दोषियों ने एक-एक कर रिव्यू पिटिशन दाखिल की। नियम के तहत रिव्यू पिटिशन की ओपन कोर्ट में सुनवाई हुई और बाद में 4 मई 2018 को अदालत ने फैसला सुरक्षित रख लिया। सुप्रीम कोर्ट में फैसले के बाद निर्भया के पैरंट्स ने कहा कि उन्हें इंसाफ की पूरी उम्मीद थी और वे चाहते हैं कि जल्दी से जल्दी इन्हें फांसी पर लटकाया जाए।</p>
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