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पाक ने कुलभूषण जाधव को कॉन्सुलर एक्सेस देने का प्रस्ताव माना, विदेश मंत्रालय के साथ बैठक शुरू

समाचार फर्स्ट डेस्क |

भारत ने कुलभूषण जाधव को दिए जाने वाली राजनयिक पहुंच को लेकर पाकिस्तान के प्रस्ताव को मान लिया है। पाकिस्तान में भारत के डिप्टी हाई कमिश्नर गौरव अहलूवालिया कुलभूषण जाधव से मिलने के लिए पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय पहुंच गए हैं। अहलूवालिया और विदेश कार्यालय के प्रवक्ता मोहम्मद फैसल के साथ उनकी बैठक शुरू हो गई है। जानकारी के अनुसार जाधव से वे लगभग दो घंटे तक बातचीत करेंगे।

पाक की जेल में बंद भारतीय नागरिक और पूर्व नौसेना अधिकारी कुलभूषण जाधव को कॉन्सुलर एक्सेस यानि राजनयिक पहुंच देने का पाकिस्तान ने ऐलान किया था। हालांकि भारत ने साफ कर दिया है कि उसे पाकिस्तान की कोई शर्त मंजूर नहीं है। पिछले महीने पाकिस्तान ने आईसीजे के फैसले के मुताबिक भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव को राजनयिक पहुंच देने का फैसला किया था। इस बाबत पाकिस्तान ने भारतीय उच्चायोग को सूचित भी कर दिया था। 18 जुलाई को पाकिस्तान ने कहा था कि उसने जाधव को आईसीजे के फैसले के अनुसार वियना संधि के तहत राजनयिक पहुंच देने की बात कही। वह 'पाकिस्तानी कानूनों के अनुसार' भारतीय नागरिक को राजनयिक पहुंच देगा। आईसीजे ने पाकिस्तान को जाधव की मौत की सजा पर रोक बरकरार रखने के साथ ही उसे राजनयिक पहुंच देने का निर्देश दिया।

इससे पहले रविवार को पाकिस्तान ने कुलभूषण जाधव को सोमवार को काउंसलर एक्सेस देने को कहा था। पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने इसकी जानकारी देते हुए कहा कि जेल में बंद कुलभूषण जाधव को सोमवार को वियाना कन्वेंशन, आईसीजे के फैसले और पाकिस्तान के कानूनों के अनुरूप काउंसलर एक्सेस दिया जाएगा।

पिछले महीने भारत ने ठुकराया था प्रस्ताव

बता दें कि इससे पहले पिछले महीने 1 अगस्त को भी पाकिस्तान ने इस तरह का प्रस्ताव दिया था, जिसे भारत ने ठुकरा दिया था। दरअसल भारत बगैर किसी शर्त राजनयिक पहुंच की मांग कर रहा है। पाकिस्तान ने इस दौरान जाधव को दो भारतीय राजनयिकों से मिलने की इजाजत तो दी थी। साथ में यह शर्त रखी थी कि उसके साथ एक पाकिस्तानी सैन्य अधिकारी भी होगा। इस पर भारत ने एतराज जताया था और कहा था कि अंतरराष्ट्रीय न्यायालय के फैसले के अनुरूप  राजनयिक पहुंच मिलनी चाहिए।

क्या है पूरा मामला

भारतीय नौसेना के एक रिटायर्ड अधिकारी कुलभूषण जाधव (49) को अप्रैल 2017 में पाकिस्तानी सैन्य अदालत ने "जासूसी और आतंकवाद" के आरोप में मौत की सजा सुनाई थी, जिसके बाद भारत ने आईसीजे का रुख किया था। मार्च 2016 में जासूसी के आरोप में हुई पूर्व अधिकारी की गिरफ्तारी के बाद से ही पाकिस्तान ने भारतीय अधिकारियों को जाधव से मिलने नहीं दिया है।

क्या है वियना संधि

आजाद और संप्रभु देशों के बीच आपसी राजनयिक संबंधों को लेकर सबसे पहले 1961 में वियना सम्मेलन हुआ। इसके तहत एक ऐसी अंतरराष्ट्रीय संधि का प्रावधान किया गया, जिसमें राजनियकों को विशेष अधिकार दिए गए। इसके आधार पर ही राजनियकों की सुरक्षा के लिए अंतरराष्ट्रीय कानूनों का प्रावधान किया गया है।