सिंधु जल समझौते पर केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी की चेतावनी के बाद पाकिस्तान वर्ल्ड बैंक पहुंचा है। दोनों देशों के बीच लंबे समय से जारी जल विवाद के समाधान के लिए पाकिस्तान ने वर्ल्ड बैंक से कोर्ट ऑफ आर्बिट्रेशन की मांग की है। पाकिस्तान विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता डॉ. मोहम्मद फैजल ने साप्ताहिक प्रेस ब्रीफिंग में सिंधु जल समझौते से संबंधित भारत के बयान की निंदा की है। उन्होंने कहा कि भारत और पाकिस्तान संधि के हस्ताक्षरकर्ता हैं। लेकिन भारत इसका उल्लंघन कर रहा है। हम विश्व बैंक में विवाद समाधान तंत्र में शामिल हैं लेकिन अब तक इस मामले को सुलझाया नहीं गया है।
डॉ. फैजल ने वर्ल्ड बैंक से मांग की है कि वह भारत द्वार सिंधु जल समझौते के उल्लंघन का संज्ञान ले। बता दें कि केंद्रीय जल संसाधन मंत्री नितिन गडकरी ने कहा था कि सरकार इस जल संधि का अध्ययन कर रही है। पाकिस्तान को पानी देने की बजाय हम पंजाब, हरियाणा और राजस्थान को यह पानी दे सकते हैं। गडकरी ने कहा कि पिछले 3 साल से पाकिस्तान को पानी दिया जा रहा है। हम इसको रोकना नहीं चाहते हैं। लेकिन भारत और पाकिस्तान के बीच जल संधि का आधार शांतिपूर्ण संबंध और दोस्ती थी, जो मौजूदा हालात में पूरी तरह से गायब है। इसलिए हम इस संधि का पालन करने के लिए बाध्य नहीं हैं।
भारत ने साफ कर दिया है कि अगर पाकिस्तान अपनी धरती से आतंकवाद का समर्थन करता रहा तो नई दिल्ली ऐसे स्थिति में पाकिस्तान को दिए जाने वाले पानी को रोकने के लिए बाध्य हो जाएगा। पाकिस्तान को भारत से कम से कम 3 नदियों का पानी मिलता है। ऐसे में अगर भारत पानी रोक देता है तो पाकिस्तान में जल संकट पैदा हो जाएगा।