नक्सल लिंक की सूचना के आधार पर देश के कई मार्क्सवादी चिंतकों के ठिकानों पर छापेमारी की गई है। इसमें कई एक्टिविस्ट और माओवादी नेताओं के घर और दफ्तर शामिल हैं। पुणे पुलिस ने स्थानीय पुलिस के साथ मिलकर यह विशेष अभियान महाराष्ट्र, गोवा, तेलंगाना, दिल्ली और झारखंड में चलाया।
पुलिस ने मंगलवार को राजधानी दिल्ली में भी इसी मामले को लेकर छापेमारी की। दिल्ली में पुलिस गौतम नवलखा को हिरासत में ले लिया और उनके घर से लैपटॉप और दूसरे कागजात सीज़ कर लिए। पुलिस ने गौतम नवलखा को साकेत कोर्ट में पेश किया। वहीं बदरपुर से वकील सुधा भारद्वाज को भी हिरासत में लिया गया है। सुधा का भी लैपटॉप, फोन, पेन-ड्राइव सीज किए गए हैं।
इसके अलावा हैदराबाद में पुलिस ने कवि, वामपंथी विचारक और एक्टिविस्ट वरवरा राव के घर छापेमारी की और वहां सभी काफी कागजात सीज किए हैं। वरवरा राव को भी गिरफ्तार कर लिया गया है।
वहीं, पुणे में भी भीमा कोरेगांव हिंसा से जुड़े मामले में छापेमारी की। ये छापेमारी एक्टिविस्ट अरुण फरेरिया के घर ठाणे में की गई। एक टीवी न्यूज चैनल को दिए इंटरव्यू में फरेरिया ने बताया कि सुबह 6 बजे से उनके घर पर रेड चल रही है। उन्होंने खुद को निर्दोष बताया।
गौरतलब है कि भीमा कोरेगांव हिंसा मामले में जून में हुई गिरफ्तारी में कई चौंकाने वाले खुलासे हुए थे। पुलिस का दावा था कि उस दौरान गिरफ्तार कई लोगों के पास से ऐसी चिट्ठी मिली थी, जिसमें पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की तरह पीएम नरेंद्र मोदी की हत्या की बात सामने आई थी।
दरअसल, इस साल जून में माओवादियों की एक चिट्ठी सामने आई थी, जिसमें राजीव गांधी की तरह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हत्या की साजिश रचने का खुलासा हुआ था। 18 अप्रैल को रोणा जैकब द्वारा कॉमरेड प्रकाश को लिखी गई चिट्ठी में कहा गया कि हिंदू फासिस्म को हराना अब काफी जरूरी हो गया है। मोदी की अगुवाई में बीजेपी बिहार और बंगाल को छोड़ करीब 15 से ज्यादा राज्यों में सत्ता में आ चुकी है। अगर इसी तरह ये रफ्तार आगे बढ़ती रही, तो माओवादी पार्टी को खतरा हो सकता है। इसलिए वह सोच रहे हैं कि एक और राजीव गांधी हत्याकांड की तरह घटना की जाए।