देश के लिए बुधवार का दिन बेहद ख़ास रहा। देश की सर्वोच्च अदालत ने तीन बड़े फैसले दिए। प्रमोशन में आरक्षण, आधार कार्ड की संवैधानिक वैद्यता और सुप्रीम कोर्ट की कार्यवाही का सीधा प्रसारण जैसे मामलों में बड़े फैसले शामिल हैं। इन सभी फैसलों के बारे में विस्तार से समझ लेना आपके लिए बेहद जरूरी है। हम आपको साधारण भाषा में और बेहद ही कम शब्दों में आपको इन तीनों फैसलों की बारीकियों को बताने जा रहे हैं…
प्रमोशन में आरक्षण
सुप्रीम कोर्ट का पहला फैसला 'प्रमोशन में आरक्षण' से जुड़ा है। शीर्ष अदालत ने प्रमोशन में आरक्षण को सीधे तौर पर खारिज तो नहीं किया बल्कि इस मामले को राज्य सरकारों के ऊपर छोड़ दिया। मसलन, इस मुद्दे पर राज्य सरकारें अपना फैसला खुद लेने के लिए स्वतंत्र हैं। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगर राज्य सरकारें चाहें तो वे प्रमोशन में आरक्षण दे सकती हैं। हालांकि शीर्ष अदालत ने केंद्र सरकार की यह अर्जी खारिज कर दी कि एससी-एसटी को आरक्षण दिए जाने में उनकी कुल आबादी पर विचार किया जाए।
हालांकि, कोर्ट के इस फैसले के बाद सियासत गरमाने की पूरी संभावना है। अभी से राजनीतिक दलों की ओर से टिप्पणी आने लगी हैं। उत्तर प्रदेश समेत कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने इस फैसले का स्वागत किया है।
आधार की संवैधानिक वैधता
सुप्रीम कोर्ट ने बहुचर्चित आधार की संवैधानिकता पर फैसला दिया। सर्वोच्च न्यायालय ने आधार की संवैधानिक वैधता को बरकरार रखा है। कोर्ट ने यह भी आदेश दिया कि आधार कहां जरूरी है और कहां नहीं। अदालत ने साफ किया कि स्कूलों में दाखिले के लिए आधार को अनिवार्य बनाना जरूरी नहीं है। कोई भी मोबाइल कंपनी आधार कार्ड की डिमांड नहीं कर सकती है।
फैसला पढ़ते हुए जस्टिस एके सीकरी ने कहा कि आधार कार्ड की ड्यूप्लिकेसी संभव नहीं है और इससे गरीबों को ताकत मिली है। फैसले में कहा गया, 'शिक्षा हमें अंगूठे से दस्तखत पर लाती है और तकनीक हमें अंगूठे के निशान पर ले जा रही है।' गौरतलब है कि आधार पर काफी समय से बहस चल रही थी। उम्मीद है कि अब यह चेप्टर क्लोज हो जाएगा।
सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई LIVE
अब सुप्रीम कोर्ट के अहम मामलों की सुनवाई जनता LIVE देख सकती है। मसलन कोर्ट की प्रोसिडिंग्स का सीधा प्रसारण टीवी और इंटरनेट पर मुमकिन होगा। जिस तरह से भारतीय नागरिक संसद की कार्यवाही का प्रसारण देखते हैं। उसी तरह अब सुप्रीम कोर्ट में मुकदमों का लाइव प्रसारण देख सकते हैं। अभी तक हम कोर्ट के फैसलों को बढ़कर ही जानते थे।
चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली पीठ ने आदेश दिया कि इस प्रक्रिया की शुरुआत सुप्रीम कोर्ट से होगी। कोर्ट ने कहा कि लाइव स्ट्रीमिंग से अदालत की कार्यवाही में पारदर्शिता आएगी और यह लोगों के हित में होगा।