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24 साल पहले आज के ही दिन की गई थी देश की पहली मोबाइल कॉल

समाचार फर्स्ट डेस्क |

क्या आपको पता है कि भारत में मोबाइल क्रांति की शुरुआत 31 जुलाई को ही हुई थी? जी हां, आज से ठीक 24 साल पहले भारत में सेलुलर नेटवर्क से पहली फोन कॉल की गई थी। 31 जुलाई 1995 को पश्चिम बंगाल के पूर्व मुख्यमंत्री ज्योति बसु ने कोलकाता में मोदी टेल्सट्रा  कंपनी के मोबाइल नेट सर्विस की शुरुआत की थी।

ज्योति बसु ने तत्कालीन नरसिंहा राव सरकार के टेलीकॉम मंत्री सुख राम को मोबाइल कॉल की थी। यह कॉल MobileNet नेटवर्क का इस्तेमाल करके कोलकाता के राइटर्स बिल्डिंग से दिल्ली स्थित संचार भवन के बीच की गई थी। इस कॉल पर सुखराम ने बसु से कहा था कि वायरलैस तकनीक पर आधारित टे​लीफोन की यह प्रणाली देश में सबसे बड़ी क्रांति साबित होने वाली है। और दोनों ही नेताओं ने इस उपलब्धि को महत्वपूर्ण माना था। यह पहला कॉल उस समय 16 रुपये प्रति मिनट की दर के हिसाब से लगा था।

इस वक्त शायद ही किसी के मन ये बात आई होगी कि एक दिन हम मोबाइल के बिना नहीं रह पाएंगे। हम अपनी छोटी सी छोटी जरूरतों के लिए इस पर निर्भर हो जाएंगे। जब भारत में मोबाइल नेटवर्क की शुरुआत हुई तबं आउटगोइंग के साथ-साथ इनकमिंग कॉल के लिए भी पैसा लगता था।

कैसे संभव हुई देश में ये संचार क्रांति?

चार साल पहले 2015 में उमंग दास ने इकोनॉमिक टाइम्स के लिए लिखे लेख में पूरी कहानी विस्तार से बताई थी कि कैसे इस संचार क्रांति की कहानी शुरू हुई और अंजाम तक पहुंची। अस्ल में, 1994 में ज्योति बसु ने उद्योगपति भूपेंद्र कुमार मोदी के साथ मुलाकात में कहा था कि कलकत्ता वो शहर हो, ​जहां देश में सबसे पहले मोबाइल नेटवर्क पहुंचे इसके बाद प्रोजेक्ट काउंटडाउन शुरू हुआ था। बीके मोदी अपनी टेलीकॉम कंपनी मोदी टेल्स्ट्रा के तहत जीएसएम नेटवर्क के लिए काम शुरू कर चुके थे। इस मुलाकात के बाद बीके मोदी ने अपने ऑस्ट्रेलियाई पार्टनर टेल्स्ट्रा के अलावा नोकिया से संपर्क कर तकनीकी मदद जुटाई और फिर नौ महीने बाद भारत में भारत में सेल्युलर सेवा का सपना हकीकत बना। इसके बाद चली विकास यात्रा से तो तकरीबन सभी वाकिफ हैं।

देने होते थे इनकमिंग के भी पैसे

24 साल पहले आउटगोइंग के साथ-साथ इनकमिंग कॉल के लिए भी पैसे देने होते थे। मोबाइल के शुरुआती पांच साल में महज 10 लाख कस्टमर्स तक ही यह सर्विस पहुंची थी।

देश में मोबाइल उपभोक्ताओं की कुल संख्या

देश में आई मोबाइल क्रांति का अनुमान इस आंकड़े से लगाया जा सकता है कि ट्राई के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, 31 मार्च, 2019 तक 125 करोड़ आबादी वाले इस देश में मोबाइल उपभोक्ताओं की कुल संख्या 116.18 करोड़ थी। ये आंकड़े मार्च महीने के अंत तक के हैं।