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बाजारों में बिकने लगे लसोड़े, खाने में स्वादिष्ट और औषधीय गुणों से होते हैं भरपूर…

सी कड़ी में गर्मियों में बाजारों की रौनक बढ़ाती है लसोड़े की सब्जी। लसोड़े देखने में जीतने अजीब रहते हैं खाने में उतने ही स्वादिष्ट और गुणों से भरपूर होते हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में तो लोग जब मन चाहे लसोड़े के पेड़ से सब्जी उतारकर इसे बनाकर खाते रहते हैं।

डेस्क |

डेस्क। गर्मी के मौसम में कई तरह की सब्जियां बाजार में आती हैं। इसी कड़ी में गर्मियों में बाजारों की रौनक बढ़ाती है लसोड़े की सब्जी। लसोड़े देखने में जीतने अजीब रहते हैं खाने में उतने ही स्वादिष्ट और गुणों से भरपूर होते हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में तो लोग जब मन चाहे लसोड़े के पेड़ से सब्जी उतारकर इसे बनाकर खाते रहते हैं। बात करें शहर की तो यहां लोगों को भी यह सब्जी 60 से 70 रुपये प्रति किलो के हिसाब से मिल रही है।

इन दिनों बाजारों में गांवों के लोगों को घर-घर जाकर लसोड़े बेचते हुए देखा जा सकता है। गर्मी के मौसम में कुदरती रूप से तैयार होने वाले लसोड़े की शहरों में भी इतनी मांग है कि इसे खाने के शौकीन गांवों से मंगवा रहे हैं। कहा जाता है कि लसोड़ा हिमाचल, पंजाब, उत्तराखंड और राजस्थान में ही पाया जाता है। हर राज्य में इसे अलग-अलग नाम से जाना जाता है। हिमाचल प्रदेश में इसे आम या इमली की खटाई लगाकर बनाया जाता है।

औषधीय गुणों से है भरपूर है लसोड़ा

लसोड़ा औषधीय गुणों से भरपूर माना जाता है। इसमें प्रोटीन, फाइबर, कार्बोहाइड्रेट,बसा, आयरन, फास्फोरस व कैल्शियम जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं। यह उच्च रक्तचाप, लीवर की समस्या, सिर दर्द औऱ गठिया की बीमारी से पीड़ित लोगों को दर्द से राहत दिलाता है।

सब्जी बनाने की विधि…

सब्जी बनाने से पहले लसोड़े को अच्छी तरह से धो लें। फिर एक-एक करबीजों को निकाल दें। यह अंदर से अत्यधिक चिकना होता है। गुठली निकालने के बाद कुछ समय के लिए नमक वाले पानी में रखने से चिकनाई दूर होगी। लसौड़े की सब्जी का प्राकृतिक मजा लेने के लिए इसे बनाती बार प्याज, टमाटर, लहुसन व अदरक का प्रयोग नहीं करना चाहिए। सरसों के तेल में बना लसौड़ा अपना अलग जायका देता है।

पानी से निकालने के बाद कुछ देर तक ऐसे ही छोड़ दें। कड़ाही में तेल गर्म होने के बाद सबसे पहले हींग की छोंक दें तो इसका स्वाद सोने पे सुहागा हो जाएगा। इसके बाद मसाले डालें। स्वाद बढ़ाने के लिए इमली का पानी या कच्चे आम की कतरनें जरूरत अनुसार डाली जाती हैं। गुड़ या चीनी का प्रयोग भी स्वाद के अनुसार किया जाता है। ठंडा होने के बाद कुछ घंटों के लिए फ्रिज में रखने के बाद सेवन करें।