सोमवार दोपहर 2 बजे से धर्मशाला के तपोवन में हिमाचल विधानसभा का शीतकालीन सत्र शुरू हो गया। राष्ट्रगान के साथ शुरू हुए सत्र में विधानसभा अध्यक्ष डॉ राजीव बिंदल ने सभी माननीय सदस्यों का स्वागत किया। 6 दिन तक चलने वाले शीतकालीन सत्र के पहले दिन की कार्यवाही चार पूर्व सदस्यों जय किशन शर्मा, विक्रम सिंह कटोच, राम रत्तन ठाकुर और गंधर्व सिंह के निधन पर शोकोदग्गार के साथ शुरू हुई।
मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने कहा कि मॉनसून सत्र औऱ शीतकालीन सत्र के बीच की छोटी सी अवधि के दौरान चार पूर्व विधानसभा सदस्यों का निधन हिमाचल के लिए बहुत बड़ी क्षति है। पूर्व विधायक जय किशन शर्मा का 74 वर्ष की आयु में ऊना में निधन हो गया। वह 1998 में हरोली विधानसभा से निर्वाचित हुए और भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष भी रहे। जय किशन शर्मा कुशन व्यक्तित्व, समाजसेवी तथा मंझे हुए राजनीतिज्ञ थे। एक हादसे में उनका आधा शरीर पैरालिसिस से ग्रसित हो गया था। उनके निधन पर सदन उनको श्रदांजलि देता है।
मुख्यमंत्री ने कांग्रेस सदस्य रहे विक्रम सिंह कटोच निधन पर भी शोक व्यक्त किया। उनका गत अक्टूबर माह में 92 वर्ष की आयु में निधन हो गया विक्रम कटोच 1972 इंदौरा से विधायक और हिमाचल प्रदेश में राज्य मंत्री भी रहे। बीडीसी से अपना राजनीतिक जीवन शुरू किया। राम रत्तन ठाकुर के निधन पर भी शोक व्यक्त किया। उनका 83 वर्ष की आयु में नवंबर माह में निधन हुआ। कांगड़ा शाहपुर में 1977 में जनता पार्टी से चुनाव लड़कर विधानसभा पहुंचे थे। भाजपा ने उन्हें दो बार टिकट दिया। वह 4 माह तक आपातकाल के दौरान जेल में भी रहे। सरपंच के रूप में उनका राजनीतिक जीवन शुरू हुआ था।
जय राम ठाकुर ने शोकोदग्गार को आगे बढ़ाते हुए कहा कि आज ही पूर्व सदस्य रहे गंधर्व सिंह का 87 वर्ष की आयु में निधन हो गया। 1990 में चम्बा जिला के बनीखेत से सदस्य चुने गए थे। सदन माननीय सदस्यों के निधन पर संवेदना प्रकट करता है व आत्म शांति की प्रार्थना करता है। वहीं, नेता मुकेश अग्निहोत्री ने भी चारों दिवंगत आत्माओं के लिए शोक व्यक्त किया और पूरे विपक्ष को इस शोकोदगार में शामिल किया।
उन्होंने कहा कि जय किशन शर्मा हरोली विधानसभा से सदस्य रहे लेकिन दुर्भाग्यपूर्ण 15 साल तक हादसे के बाद बिस्तर पर रहे। उनके परिवार ने उनकी खूब सेवा की। बिस्तर पर रहते हुए भी वह दलगत राजनीति से ऊपर उठकर विकास के लिए सराहना करते थे। अग्निहोत्री ने विक्रम कटोच की सेवाओं को याद किया और उनके कामों की सराहना की। गंधर्व सिंह जो कि बनीखेत से सदस्य रहे और राम रत्तन के निधन पर शोक व्यक्त किया।