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प्रोटेम स्पीकर बनते ही ध्वाला के तेवर, धर्मशाला में सत्र का किया विरोध

पी. चंद |

प्रो-टेम स्पीकर पद पर नियुक्ति होने के बाद रमेश ध्वाला ने धर्मशाला विधानसभा को लेकर कड़े तेवर दिखाए हैं। शिमला में ध्वाला ने कहा कि वे निजी तौर पर धर्मशाला में सत्र करवाना सरकारी पैसे का दुरुपयोग मानते हैं। क्योंकि 365 दिनों में 4-5 दिन के सत्र पर करोड़ों रुपए की फिजूल खर्ची होती है।  

यही नहीं, ध्वाला ने कहा कि धर्मशाला विधानसभा सफेद हाथी साबित हुआ है और कोई माने या न माने लेकिन वो इस बात को मानते हैं कि यहां सत्र करवाना सिर्फ पैसे की बर्बादी है। इससे अच्छा तो ये है कि तपोवन में कोई कॉलेज या यूनिवर्सिटी खोली जाए, ताकि इससे लोगों को फायदा हो सके। यादे रहे कि ध्वाला को मंत्री पद नहीं मिला है जिसके चलते उन्होंने आज उन्होंने खूब भड़ास निकाली है।

उधर मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने इस मामले में कोई भी टिप्पणी करने से इनकार कर दिया।  गौरतलब है कि कांग्रेस सरकार ने 2005 में पहली बार प्रदेश की राजधानी शिमला से बाहर विधानसभा का शीतकालीन सत्र रखा था। वीरभद्र सिंह ने 25 दिसंबर 2006 को धर्मशाला के तपोवन में विधानसभा भवन का नींव रखी।