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सरकार लगाए पूर्ण लॉकडाउन, धारा 144 और कर्फ्यू क्या बसों में नहीं होगा: राठ़ौर

पी. चंद |

हिमाचल सरकार ने कैबिनेट में जो फैसले लिए है वह अपने आप में विरोधाभास पैदा करते है। जब कोरोना कर्फ्यू लगाया तो धारा 144 लगाने का फैसला क्यों लिया गया। सरकारी बसें चल रही हैं तो क्या उनमें कर्फ्यू और धारा 144 लागू नहीं होगी। धारा 144 लगाने के बाद किसी जगह 5 या इससे ज़्यादा लोग एकत्रित नहीं हो सकते है। ऐसे में बसें चलने का फैसला कहां तक सही है। ये बात कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष कुलदीप राठ़ौर ने कही।

उन्होंने कहा कि ये कोरोना की लहर नहीं है बल्कि सुनामी है। इसलिए सरकार को जो कड़े कदम उठाने की ज़रूरत है उसे उठाए। सरकार प्रदेश के मज़दूरों का भी ध्यान रखे और उनके लिए आर्थिक पैकेज दे। कांग्रेस पार्टी सम्पूर्ण लॉक डाउन के पक्ष है। इसलिए देश में सम्पूर्ण लॉक डाउन लगना चाहिए। राठ़ौर ने कहा कि सरकार ने कोरोना से निपटने की पूर्व तैयारी नहीं की। बल्कि बंगाल के चुनावों में भाजपा ने बड़ी रैलियां करवाकर कोरोना को बढ़ाया।

ऑक्सीजन की देश के कई राज्यों में क़िल्लत है। इस अव्यवस्था के लिए मोदी सरकार जिम्मेदार है। सर्वोच्च न्यायालय तक ने इस पर तल्ख़ टिप्पणियां की है। इसलिए पीएम को इसकी जिम्मेदारी लेकर पद से इस्तीफा देना चाहिए था। कम से कम स्वास्थ्य मंत्री तो इस पर इस्तीफ़ा देते। टीकाकरण की कमी के चलते भी वायरस फैल रहा है। भाजपा सरकारों ने फजूलखर्ची की है। 3000 करोड़ की मूर्ति बनाने की क्या ज़रूरत थी। जब कोरोना जैसी महामारी से निपटने के लिए आपके पास नीति नहीं है।

वहीं, कांग्रेस अध्यक्ष ने ये भी कहा कि कांग्रेस की कोरोना कर्फ्यू की सहमति नहीं थी। ये बयान कांग्रेस की भी पोल खोलता नज़र आ रहा है। आए दिन कांग्रेस के नेता और अध्यक्ष सख्तियां बढ़ाने की मांग कर रहे थे। लेकिन अब जब सरकार ने आख़िर में कोई क़दम उठाया ही है तो कांग्रेस अपनी राजनीति चमकाने पर जोर दे रही है।