<p>देश में चल रही मोदी लहर ने हिमाचल के विधानसभा चुनावों में अहम भूमिका निभाई है। कई विधानसभा क्षेत्रों में कांग्रेस का भीतरघातियों का सामना करना पड़ा जो कि मुख्य रूप से मोदी लहर का असर था। लेकिन, इन सब के बावजूद भी कांगड़ा सदर की सीट ऐसी है जहां कांग्रेस के एक प्रत्याशी ने दोबारा जीत हासिल की है जो कि पिछले 20 साल के इतिहास को बदलता है।</p>
<p>दरअसल, पिछले 20 सालों में कांगड़ा सदर में ऐसा कोई विधायक नहीं रहा जिसने दोबारा जीत दर्ज की हो। इसी बीच कांगड़ा में ये जुमलें भी चलती थी कि यहां कोई भी विधायक रिपीट नहीं कर सकता। लेकिन, इस बार के कांग्रेस प्रत्याशी पवन काजल ने एक बार फिर कांगड़ा में जीत दर्ज कर 20 साल की इन जुमलों पर लगाम लगा दिया है।</p>
<p>गौरतलब है कि इससे पहले 2012 में पवन काजल ने बतौर निर्दलीय प्रत्याशी जीत दर्ज की थी। उसके बाद उन्हें कांग्रेस में लिया गया और 2017 में कांग्रेस की ओर से टिकट दिया गया। 2012 से पहले संजय चौधरी ने कांगड़ा की कमान संभाली थी और 2002 में सुरेंद्र काकू कांगड़ा के विधायक रह चुके हैं।</p>
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