मुख्यमंत्री महंत आदित्यनाथ योगी ने शपथ लेने के बाद पहली बैठक में ही अपने मंत्रियों से संपत्ति का ब्योरा मांग लिया है। अधिकारियों से भी उन्होंने 15 दिन के अंदर यह ब्योरा देने को कहा है। योगी के मंत्रिमंडल में अधिकतर सदस्य करोड़पति हैं। खुद मुख्यमंत्री करोड़पति नहीं हैं, लेकिन 46 मंत्रियों में से 34 करोड़पति और 10 की संपत्ति 1 करोड़ से कम है।
यूपी इलेक्शन वॉच और एसोसिएशन फोर डेमोक्रेटिक रिफार्म्स (ADR) ने राज्य के 47 में से 44 मंत्रियों के हलफनामे का विश्लेषण किया है। आंकड़ा नहीं रहने के कारण 3 मंत्रियों – दिनेश शर्मा, स्वतंत्र देव सिंह और मोहसिन रजा के बारे में पता नहीं चल सका। दिनेश शर्मा मेयर हैं जबकि 2 अन्य फिलहाल किसी भी सदन उत्तर प्रदेश विधानसभा या विधानपरिषद के सदस्य नहीं है।
दिल्ली स्थित ADR ने जारी एक रिपोर्ट में कहा है, 44 मंत्रिायों में 35 (80 प्रतिशत) करोड़पति हैं। इन 44 मंत्रियों की औसत संपत्ति 5.34 करोड़ रूपये हैं। इसके अलावा 20 (45 प्रतिशत) मंत्रियों ने अपने खिलाफ आपराधिक मामले घोषित किए हैं। उनके खिलाफ जो आरोप दर्ज है उसमें लूट, चोरी, जालसाजी और जानबूझकर चोट पहुंचाने सहित कई मामले हैं।इलाहाबाद दक्षिण निर्वाचन क्षेत्र से नंद गोपाल गुप्ता नंदी 57.11 करोड़ रूपये के साथ सबसे ज्यादा संपत्ति घोषित करने वाले मंत्री हैं।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की कुल संपत्ति 71 लाख रूपये से ज्यादा की है जबकि उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद की संपत्ति नौ करोड़ से ज्यादा की है। कुल 28 मंत्रियों ने देनदारी की घोषणा की है जिसमें सबसे ज्यादा देनदारी नंद गोपाल गुप्ता नंदी (26.02 करोड़) की है।