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हनोगी माता मंदिर है पर्यटकों के आकर्षण का केन्द्र, क्या है मान्यता…?

पी. चंद |

देवभूमि हिमाचल प्रदेश में अनेक धार्मिक स्थल हैं, जिनका अपना ऐतिहासिक महत्व है। इन्हीं ऐतिहासिक धार्मिक स्थलों में से एक है हनोगी माता का मंदिर… हनोगी माता मंदिर कुल्लू का एक प्रसिद्ध धार्मिक केंद्र है। ये मंदिर मंडी- मनाली राजमार्ग पर स्थित है। मंदिर हिंदू देवी हनोगी माता को समर्पित है। ब्यार नदी के दूसरी ओर एक छोटी सी चोटी के शीर्ष पर स्थित यह धार्मिक स्थल हरे भरे पहाड़ों से घिरा हुआ है।

हनोगी माता के मंदिर में देवी के तीन रूपों की पूजा की जाती है। मान्यता है कि प्राचीन काल में यह स्थान अभय राम गुरु का निवास स्थल था। वह तांत्रिक विद्या में निपुण थे। माना जाता है कि अभय राम गुरु ने अपनी शक्तियों की मदद से तुंगाधार पर्वत श्रृंखला से तुंगा माता को हनोगी लेकर आए थे। हनोगी में एक बड़ी गुफा में काली माता का प्राचीन मंदिर है। इस गुफा में आज भी करीब पांच हजार साल पुरानी तुंगा माता की पाषाण मूर्ति विद्यमान है।

मान्यता है कि गुरु जी के रहते माता की पूजा अर्चना होती रही, लेकिन उनके बाद यहां देवी की पूजा बंद हो गई। परिणामस्वरूप कई अनहोनी घटनाएं घटित होने लगी। छह-सात दशक पूर्व स्थानीय लोगों द्वारा देवी के प्रकोप से बचने से के लिए एक वृक्ष को देवी शक्ति का प्रतीक मानकर पूजना आरंभ कर दिया। यह वृक्ष आज भी ब्यास नदी के किनारे पानी में कुछ डूबा हुआ खड़ा नज़र आता है। यहां पर लक्ष्मी जी एक छोटा सा मंदिर भी है।

आज हनोगी में देवी तीन तामसिक काली, राजसिक लक्ष्मी व सात्विक सरस्वती के रूपों में विराजमान हैं। वैसे तो हनोगी माता मंदिर में पूरे साल श्रद्धालु आते हैं, लेकिन नवरात्र के दौरान यहां पर्यटकों भी भारी भीड़ जुटती है। हनोगी मंदिर से कुल्लू की दूरी 41 किलोमीटर है। कुल्लू से हनोगी माता मंदिर जाने के लिए पर्यटक बस या फिर किराए की टैक्सी की मदद ले सकते हैं। भुंतर हवाई अड्डा भी यहां से लगभग 33 किलोमीटर दूर है।