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शारदीय नवरात्रि के दूसरे दिन होती है मां ब्रह्मचारिणी की पूजा

डेस्क |

शारदीय नवरात्रि का आज दूसरा दिन है. नवरात्रि के दूसरे दिन मां दुर्गा के द्वितीय स्वरूप मां ब्रह्मचारिणी की पूजा-अर्चना की जाती है. माता रानी के स्वरूप की बात करें तो शास्त्रों के अनुसार, मां ब्रह्मचारिणी श्वेत वस्त्र धारण किए हैं और दाएं हाथ में अष्टदल की माला और बाएं हाथ में कमंडल लिए सुशोभित हैं. पौराणिक कथाओं के अनुसार, मां ब्रह्मचारिणी ने भगवान शिव को पति रूप में पाने के लिए कठोर तप किया था, जिस वजह से मां को तपश्चारिणी अर्थात ब्रह्मचारिणी नाम से जाना जाता है. पुराणों में बताया गया है कि मां ब्रह्माचारिणी की पूजा- अर्चना करने से सर्वसिद्धि प्राप्त होती हैं.
मां ब्रह्मचारिणी की प्रिय वस्तु

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार मां ब्रह्मचारिणी को गुड़हल, कमल, श्वेत और सुगंधित पुष्प प्रिय हैं. ऐसे में नवरात्रि के दूसरे दिन मां दुर्गा को गुड़हल, कमल, श्वेत और सुगंधित पुष्प अर्पित करें.

मां ब्रह्मचारिणी का भोग-

मां दुर्गा को नवरात्रि के दूसरे दिन चीनी का भोग लगाना चाहिए. मान्यता है कि ऐसा करने से दीर्घायु का आशीष मिलता है. मां ब्रह्मचारिणी को दूध और दूध से बने व्यंजन जरूर अर्पित करें.

इन शुभ मुहूर्त में करें पूजा-

अभिजित मुहूर्त- 11:48 AM से 12:36 PM
विजय मुहूर्त- 02:12 PM से 03:00 PM
गोधूलि मुहूर्त- 06:00 PM से 06:24 PM
अमृत काल- 11:51 PM से 01:27 AM , 28 सितम्बर
निशिता मुहूर्त- 11:48 PM से 12:36 AM, 28 सितम्बर
द्विपुष्कर योग- 06:16 AM से 02:28 AM, 28 सितम्बर

पूजा- विधि

घर के मंदिर में दीप प्रज्वलित करने के बाद मां दुर्गा का गंगा जल से अभिषेक करें.
अब मां दुर्गा को अर्घ्य दें.
मां को अक्षत, सिन्दूर और लाल पुष्प अर्पित करें, प्रसाद के रूप में फल और मिठाई चढ़ाएं.
धूप और दीपक जलाकर दुर्गा चालीसा का पाठ करें और फिर मां की आरती करें.
मां को भोग भी लगाएं. इस बात का ध्यान रखें कि भगवान को सिर्फ सात्विक चीजों का भोग लगाया जाता है.

मंत्र-

श्लोक-
दधाना करपद्माभ्यामक्षमालाकमण्डलु| देवी प्रसीदतु मयि ब्रह्मचारिण्यनुत्तमा ||
ध्यान मंत्र-
वन्दे वांछित लाभायचन्द्रार्घकृतशेखराम्।
जपमालाकमण्डलु धराब्रह्मचारिणी शुभाम्॥