आज से पितृपक्ष की शुरुआत हो रही है। पितृपक्ष 6 अक्टूबर तक चलेंगे। कुंडली के पितृ दोष दूर करने के लिए पितृपक्ष का समय सबसे अच्छा माना जाता है। इन दिनों पितरों को खुश करने के लिए और उनका आर्शीवाद पाने के लिए कई तरह के उपाय किए जाते हैं।
जिन लोगों की कुंडली में पितृ दोष होता है उन लोगों को संतान सुख आसानी से नहीं मिलता है। या फिर संतान बुरी संगत में पड़ जाता है। इन लोगों को नौकरी या व्यापार में हमेशा दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। काम में बार-बार बाधा आती है। घर में ज्यादा क्लेश-झगड़े होते हैं। घर में सुख-समृद्धि नहीं आती है। गरीबी और कर्ज बना रहता है। अक्सर बीमार रहते हैं और बेटी या बेटे की शादी में रुकावट आती है। ये सब पितृ दोष होता है।
पितरों को प्रसन्न करके पितृ दोष को आसानी से दूर किया जा सकता है। श्राद्ध के पहले दिन भाद्रपद पूर्णिमा का का व्रत करें। घर या व्यापार स्थल पर स्वर्गीय पितरों की अच्छी तस्वीरें लगाएं। ये तस्वीर दक्षिण-पश्चिम दीवार या कोने पर लगाएं। दिन शुरू करने के बाद सबसे पहले उनको प्रणाम करें। हर दिन उन्हें माला चढ़ाएं और धूपबत्ती दिखाकर उनका आशीर्वाद लें। उनके नाम पर जरूरतमंदों को खाना बांटें। पितरों के नाम से धार्मिक स्थल पर धन या सामग्री दान करें। घर या बाहर के बड़े बुजुर्गों की सेवा कर उनका आशीर्वाद लें। अमावस्या पर तर्पण, पिंड दान कर ब्राह्मणों को भोजन कराएं. गाय, कुत्ते, चीटियों, कौवों या अन्य पशु पक्षियों को खाना खिलाएं।