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सिरमौर में है ऐतिहासिक नाग नेवाणा देवता का मंदिर, जिसमें है लोगों की अटूट आस्था

नवनीत बत्ता |

देव भूमि हिमाचल को ऋषि-मुनियों की धरती कहा जाता है। यहां पर कई ऐतिहासिक मंदिर है। जिला सिरमौर का सबसे प्रसिद्ध मंदिर  नाग नेवाणा देलता का मंदिर हैं जहां पर गिरीपार के तमाम लोग अपनी पहली फसल यहां पर चढ़ाते हैं ताकि सालभर  अनाज की कमी ना रह सके यह मंदिर प्राचीन राजाओं के समय से चलता आ रहा है।

ये है मान्यता

यहां की मान्यताओं के मुताबिक यहां के राजा की पत्नी ने दो बच्चों को जन्म दिया था, जिसमें से पहले उन्होंने नाग को जन्म दिया और बाद में एक पुत्र को जन्म दिया। इसके बाद ही नाग देवता यहां की धरती में समा गए थे। जिसके बाद यह मेला आयोजित किया जाता है। कई हजारों की तादात में यहां पर मेले के दौरान श्रद्धालुओं की लाइनें लगी रहती है। साल में दो बार यहां पर मेले का आयोजन किया जाता है लोग अपनी गेहूं की और उसके बाद मक्की की पहली फसल यहां पर मंदिर में चढ़ाते हैं।

यहां के लोगों की मान्यता है कि लोग गेहूं की फसल का कुछ हिस्सा नाग देवता मंदिर में चढ़ाते हैं । ग्रामीणों की मानें तो यदि कोई सच्चे मन से कोई मन्नत मांगता है तो उसकी सभी मन्नत पूरी हो जाती हैऔर अपनी मनोकामना एक बरगद के पेड़ मैं धागा बांधकर कर चले जाते हैं ।

मंदिर में खुदाई के दौरान प्राचीन मिली थी मूर्तियां

खुदाई के दौरान मंदिर में कई दर्जन प्राचीन मूर्तियां मिली थी। जिन्हें देखने के लिए उत्तराखंड पंजाब हरियाणा दिल्ली से लोग पहुंचते हैं मंदिर में सभी लोगों की खाना पीना रहना सहना हर प्रकार की सुविधाएं मिलती है