हिमाचल प्रदेश परिवहन निगम करोड़ों के घाटे में चल रहा है। अकेले कोरोना काल में एचआरटीसी को 840 करोड़ का घाटा हुआ है। एचआरटीसी को चलाने के लिए सरकार ने 940 करोड़ दिए हैं। बावजूद इसके परिवहन निगम 198 करोड़ रुपए खर्च कर लगभग 300 नई बसें खरीदने जा रहा है। ये हाल तब है जब 3109 रूट में से 450 रूट अभी भी बंद पड़े हैं। इससे भी बड़ी बात ये है कि एचआरटीसी की कई नई बसें सड़कों के किनारे खड़ी जंग खा रही हैं। इन बसों को चलाने के बजाए नई बसें क्यों ख़रीदी जा रही हैं? इसका पत्रकार वार्ता में परिवहन मंत्री साफ जबाव नहीं दे पाए।
बिक्रम ठाकुर ने बताया कि बीओडी की बैठक में करुणामूलक आधार पर क्लास तीन और चार में अब 3 माह के भीतर नौकरी दी जाएगी। जिसके लिए इनकम की कोई शर्त नहीं होगी। परिवहन निगम में काम कर रहे 989 पीस मील वर्कर्स को अनुबंध पर ले लिया जाएगा। निगम 50 नई इलेक्ट्रॉनिक बसें खरीदने जा रहा है ताकि प्रदूषण और डीजल खर्च को कम किया सके। सड़कों पर दौड़ने वाली अवैध बसों पर जुर्माना लगाया जाता है।
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