मंडी: 9 और 10 जुलाई को ब्यास नदी की तांडवीय रूप ने हजारों यादों को अपने साथ बहा लिया और इनमें से कई का तो नामोनिशान ही मिट गया। जहां इस तांडव का शिकार कई लोग हो गए वहीं कई यादें भी इसके साथ बह गई। द्रंग विधानसभा क्षेत्र के तहत इलाका बदार में मंडी से दस किलोमीटर की दूरी पर सात मील में व्यास नदी के उस पार स्थित राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला के भवन पर भी व्यास के रौद्र रूप का कहर बरपा और पूरे भवन को तहस नहस करके रख दिया।
इसमें पाठशाला में लगे कई सूचना पट्ट भी बह गए। इनमें एक सूचना पट्टा अखंड शिक्षा ज्योति, मेरे स्कूल के मोती भी था जिसमें उन 8 महानुभावों के नाम लिखे थे जो इस पाठशाला में पढ़कर गए और समाज में बड़ा नाम कमाया। मंगलवार को पौंग बांध किनारे बसे धमेटा फतेहपुर के सुभाष मेहरा ने इसका चित्र भेज कर बताया कि यह पट्टिका उन्हें पौंग बांध के किनारे पड़ी दिखी तो उन्होंने इसे उठाकर सुरक्षित जगह पर रख दिया।
सुभाष मेहरा ने इसे अपनी संवेदनाओं को दर्शाते हुए भेजा है कि किस तरह से कितने मनोभाव से इसे तैयार करके पाठशाला में लगाया गया था मगर नदी की रौद्र रूपी लहरें इन्हें अपने साथ बहाते हुए 200 किलोमीटर की लगभग दूर तक ले गई और वहां यह पाई गई। इस तरह न जाने कितनी और यादें इस नदी के तांडव का शिकार हो गई जिन्हें उनके अपने ढूंढ रहे हैं, नदियों के किनारे तलाश कर रहे हैं और न जाने वह मिल भी पाएंगी कि नहीं।
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