सुरजीत की दावेदारी से ‘भरमौर’ में नया सियासी समीकरण

<p>हिमाचल कांग्रेस में युवाओं की नई पौध अपना आकार लेने के लिए तैयार है। पहले के मुकाबले इस बार युवा नेता काफी आक्रामक और वोकल भी हो चुके हैं। दरअसल, कांग्रेस पर बुजुर्गों की पार्टी होने का ठप्पा लगा हुआ है। लेकिन, सुरजीत भरमौरी सरीखे कई नेता इस &#39;मिथ&#39; को तोड़ने की कोशिश में जुटे हुए हैं।</p>

<p>NSUI के राष्ट्रीय सचिव और चंडीगढ़ के प्रभारी रह चुके सुरजीत भरमौरी ने चंबा के भरमौर विधानसभा सीट से अपनी दावेदारी पेश कर दी है। भरमौर विधानसभा क्षेत्र से वर्तमान में कैबिनेट मंत्री ठाकुर सिंह भरमौरी हैं। ठाकुर सिंह भरमौरी के अलावा अमित भरमौरी और जनम सिंह भी प्रमुख दावेदार हैं।</p>

<p>पिछले विधानसभा चुनाव में भी सुरजीत भरमौरी ने टिकट के लिए दावेदारी पेश की थी। लेकिन, उन्हें टिकट ना देकर पार्टी ने ठाकुर सिंह भरमौरी पर विश्वास जताया और चुनाव जीतने के बाद उन्हें वीरभद्र कैबिनेट में जगह भी मिली।</p>

<p>लेकिन, इस बार सुरजीत पिछले कई महीनों से पार्टी की कार्यशैली को लेकर ख़ासे आक्रामक रहे हैं। अपने फेसबुक पेज से उन्होंने कई वीरभद्र सरकार तक को चुनौती दी है। हालांकि, बेबाक अंदाज वाले सुरजीत को क्या टिकट मिलेगा, यह भविष्य के गर्भ में है।</p>

<p><strong><span style=”color:#d35400″>संगठन में गाड़े कई झंडे, लेकिन भेदभाव के रहे शिकार </span></strong></p>

<p>सुरजीत भरमौरी 10 राज्यों में NSUI की तरफ से प्रभारी की भूमिका निभा चुके हैं। अधिकांश जगहों पर सुरजीत की संगठन में कार्यशैली भी बेहतर परिणाम देती रही है। बावजूद इसके इन्हें हमेशा अपनी ही सरकार की तरफ से भेदभाव का शिकार होना पड़ा है।</p>

<p>जिस हक की बात अक्सर सुरजीत भरमौरी करते आए हैं वह उनकी ही सरकार पर प्रश्नचिन्ह भी खड़े करते हैं।&nbsp;बीपीएल परिवार से संबंध रखने वाले सुरजीत के गांव तक सड़क भी नसीब नहीं है। बकौल सुरजीत उन्होंने अपने ही विधायक से इस मामले में कई बार रिक्वेस्ट की। लेकिन, ना सिर्फ उनका गांव बल्कि क्षेत्र के दूसरे इलाके भी पिछड़े रहे।</p>

<p><span style=”color:#d35400″><strong>कांग्रेस के पास दो विकल्प, संघर्ष या रसूख</strong></span></p>

<p>हिमाचल प्रदेश का यह चुनाव कांग्रेस के लिए सुखद भी है। क्योंकि, जो बदलाव पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राहुल गांधी लाने की बात करते हैं। उसकी क्षीतिज पर युवा नेताओं की कोशिशें आस बंधा रही हैं। अब, कांग्रेस अपने &#39;स्टीरियोटाइप&#39; छवि से बाहर आकर क्या क्रांतिकारी कदम उठाती है…इस पर सभी की निगाहें टिकी हैं। क्योंकि, अक्सर संघर्ष वाले नेता रसूख के आगे हार जाते हैं और आख़िर में इसका ख़ामियाजा पूरी पार्टी को राष्ट्रीय स्तर पर उठाना पड़ता है।</p>

<p>&nbsp;</p>

Samachar First

Recent Posts

कांगड़ा एयरपोर्ट की 14 फ्लाइट्स रद्द, जानें कारण, क्‍या है समस्‍या और समाधान

Blog: Shivanshu Shukla Kangra Airport flight disruptions: देश विदेश के सैलानियों के लिए आकर्षण और…

28 minutes ago

परिवहन में डिजी लॉकर को मान्यता न देने पर दिव्‍यांग कल्‍याण संगठन ने जताई नाराजगी

DigiLocker issues for disabled: मंडी के बाबा भूतनाथ मंदिर परिसर में शनिवार को हिमालयन दिव्यांग…

1 hour ago

हमीरपुर में तकनीकी विश्वविद्यालय का दीक्षांत समारोह में 4801 को मिली डिग्रियां

Himachal Technical University convocation: हिमाचल प्रदेश तकनीकी विश्वविद्यालय, हमीरपुर का पांचवां दीक्षांत समारोह राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी…

1 hour ago

हिमाचल के मल्टी टास्क वर्करों के मानदेय में ₹500 की बढ़ोतरी, अब मिलेंगे ₹5000 प्रति माह

PWD Multi-Task Workers ₹5000: हिमाचल प्रदेश सरकार ने लोक निर्माण विभाग में नियुक्त करीब 4,800…

1 hour ago

हर 30 सेकंड में वर्षा की बूंदों का आकार, उनकी गति, वर्षा की तीव्रता का लेगगा पता

कांगड़ा एयरपोर्ट पर अत्याधुनिक डिसड्रोमीटर से मौसम अध्ययन को मिलेगा नया आयाम भारतीय उष्णकटिबंधीय मौसम…

2 hours ago

हिमाचल में नक्शा पास करवाना हुआ महंगा, शुल्क में 5 गुना तक बढ़ोतरी

Himachal building map approval fees: हिमाचल प्रदेश में अब मकान या व्यावसायिक भवन निर्माण और…

5 hours ago